अमृत विहार न्यूज

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार के प्रदर्शन की कांग्रेस पार्टी द्वारा की गई आलोचना का कड़ा जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने जनता के समक्ष आलोचना करने का नैतिक अधिकार खो दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुए बदलावों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि कांग्रेस, जिसने छह दशकों तक जनता की आकांक्षाओं की उपेक्षा की, आज एक नए भारत के सामने बेनकाब हो चुकी है।
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “कांग्रेस अपने सारे नैतिक अधिकार खो चुकी है। कांग्रेस ने देश को छह दशकों तक गलत तरीकों से चलाकर पूर्वोत्तर की संभावनाओं को नष्ट कर दिया। कांग्रेस शासनकाल के काले दिन हिंसा, उग्रवाद और आतंकवाद से भरे थे, जिसने हमारे खूबसूरत क्षेत्र को गरीबी, तबाही, विभाजन और विघटन के दलदल में धकेल दिया। उस समय शांति एक सपना मात्र थी। यह स्थिति केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्णायक नेतृत्व में बदली जिन्होंने क्षेत्र को एक नई दिशा दी, लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान किया, समाधान खोजे, शांति और भाईचारे का युग शुरू किया और अंततः पूर्वोत्तर को नए भारत का विकास इंजन बना दिया।”
शिलॉंग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए श्री सोनोवाल ने मोदी सरकार की 11 वर्षों की प्रमुख उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि कैसे सरकार ने समाज के हर वर्ग को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया—चाहे वह गरीब कल्याण हो, महिला सशक्तिकरण, कृषि सुधार या युवाओं को कौशल विकास और स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों के माध्यम से अवसर देना। उन्होंने बताया कि मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट के तहत 2.19 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिला है और 434 किसान उत्पादक संगठन (FPOs) बनाए गए हैं, जो 1.73 लाख हेक्टेयर भूमि को कवर करते हैं।
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के गतिशील नेतृत्व में सरकार ‘सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण’ के संकल्प के साथ विकसित भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है, ‘हर घर जल’ के तहत 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल का पानी उपलब्ध हुआ है, और पीएम-किसान के माध्यम से किसानों को ₹3.7 लाख करोड़ वितरित किए गए हैं। महिलाओं का सशक्तिकरण ऐतिहासिक कदमों के साथ आगे बढ़ा है जिसमें नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत विधायिकाओं में 33% आरक्षण से लेकर 3.9 करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में महिलाओं का ऐतिहासिक प्रवेश तक शामिल है।“
श्री सोनोवाल ने कहा कि 2014 के बाद से, मोदी सरकार ने अभूतपूर्व निवेश और केंद्रित लक्ष्य के साथ पूर्वोत्तर को भारत के विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है। श्री सोनोवाल ने कहा, “2014 के बाद से उग्रवाद में 64% की कमी आई है, क्षेत्र के 75% हिस्से से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) हटाया लिया गया। सरकार ने ₹44,859 करोड़ की 3,600 से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दी है, 10 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का निर्माण किया है, और केंद्रित मिशनों के माध्यम से कनेक्टिविटी और जैविक खेती को बढ़ावा दिया। श्री सोनोवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, पूर्वोत्तर को अब परिधीय क्षेत्र के रूप में नहीं, बल्कि शांति, प्रगति और समृद्धि के साथ भारत के पूर्व के महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार के रूप में पुनर्स्थापित किया जा रहा है।”
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्र की अपार संभावनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के तहत पर्यटन आधारित विकास मेघालय के विकास का एक प्रमुख स्तंभ बनकर उभरा है।
केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “शिलांग एक खूबसूरत शहर है, मेघालय माँ प्रकृति का उपहार है। इसे सतत पर्यटन विकास के माध्यम से संरक्षित और बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राज्य में पर्यटन में उछाल इस बात का सकारात्मक संकेत है कि मेघालय भारत आने वाले अधिकांश घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए पसंदीदा गंतव्य बन गया है। मेघालय स्वदेश दर्शन जैसी योजनाओं की सफलता का एक शानदार उदाहरण है। मोदी सरकार ने सतत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ₹244 करोड़ स्वीकृत किए, जिसने उमियाम झील, सोहपेटबनेंग, क्रांग सुरी जलप्रपात, सिजू गुफाएँ और नोक्रेक रिजर्व जैसे प्रतिष्ठित स्थलों में संभावनाएँ पैदा की हैं, जिन्हें विश्व स्तरीय पर्यटक आकर्षणों में बदला जा रहा है। वाटरफॉल ट्रेल्स से लेकर मेघालयन एज केव एक्सपीरियंस तक, टिकाऊ और इमर्सिव टूरिज्म पर ध्यान केंद्रित करने से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में नई जान आई है और आजीविका के अवसर पैदा हुए हैं। नार्तियांग और मावफलांग गांवों जैसे आध्यात्मिक और विरासत स्थलों को भी विशिष्ट पर्यटन श्रेणियों के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे मेघालय को भारत के पूर्वोत्तर पर्यटन सर्किट में एक जीवंत गंतव्य के रूप में स्थापित किया जा रहा है।”