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श्रीमद्भागवत कथा में धुंधकारी की कथा ने दी आत्मा के शुद्धिकरण का संदेश

अमृत विहार न्यूज

कथावाचक आचार्य राजू रंजन मिश्र

गौतम उपाध्याय

गोह|औरंगाबाद
औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड मुख्यालय स्थित जेपी सेनानी अरविंद पाण्डेय के आवास पर चल रहें श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिवस पर कथावाचक आचार्य राजू रंजन मिश्रा ने भक्तों को धुंधकारी की मार्मिक कथा सुनाई। कथा में बताया गया कि धुंधकारी, जो प्रारंभ में सांसारिक मोह और पापकर्मों में लिप्त था, अंततः अपने कर्मों के प्रायश्चित और भक्ति की शक्ति से मुक्ति प्राप्त करता है।
कथावाचक ने श्रोताओं को यह संदेश दिया कि जैसे धुंधकारी ने अपने पापों का त्याग कर श्री विष्णु की शरण में जाकर आत्मा को मोक्ष दिलाया, वैसे ही प्रत्येक मनुष्य को भी अपने जीवन में भक्ति, सेवा और सत्य का मार्ग अपनाना चाहिए।
भक्तों ने कथा के दौरान भावपूर्ण भजन और आरती के साथ श्रीमद्भागवत के उपदेशों को आत्मसात किया। संतों ने इस प्रसंग को आत्मशुद्धि का प्रतीक बताते हुए कहा कि धुंधकारी की कहानी हमें यह सिखाती है कि कोई भी व्यक्ति अपने सत्कर्मों और ईश्वर में श्रद्धा से पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो सकता है।
आयोजक अरविंद पाण्डेय ने बताया कि सात दिवसीय यह कथा श्रृंखला समाज को धर्म, सेवा और सदाचार के प्रति प्रेरित करने का एक प्रयास है।

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